How did Lord Vishnu obtain Sudarshan Chakra? Do you know? कैसे हुई चक्र प्राप्ति भगवान विष्णु को ?\r<br> \r<br>प्राचीनकाल के समय की बात है, दैत्य और दानव प्रबल और शक्तिशाली होकर सभी मनुष्यों और ऋषिगणों को पीड़ा देने लगे और धर्म का लोप करने लगे| इससे परेशान होकर सभी ऋषि और देवगण भगवान विष्णु के पास पहुंचे| विष्णु भगवान ने पूछा — देवताओं!! इस समय आपके आने का क्या कारण है ? में आप लोगों के किस काम आ सकता हूँ । नि: संकोच होकर आप अपनी समस्या बताइये|\r<br>\r<br>देवताओं ने कहा – ‘हे देव रक्षक हरि! हम लोग दैत्यों के अत्याचार से अत्यंत दुखी हैं| शुक्राचार्य की दुआ और तपस्य से बहुत ही प्रबल हो गए हैं । हम सभी देवतां और ऋषि उन पराक्रमी दैत्यों के सामने विवश होकर उनसे परास्त हो गए हैं| स्वर्ग पर भी उन अत्त्यचारी दैत्यों का राज्य हो गया है । इस समय आप ही हमारे रक्षक हैं| इसलिए हम आपकी शरण में आये हैं| हे देवेश! आप हमारी रक्षा करें”| maxresdefault भगवान विष्णु ने कहा- ऋषिगणों हम सभी के रक्षक भगवान शिव हैं| उन्हीं की कृपा से में धर्म की स्थापना तथा असुरों का विनाश करता हूँ| आप लोगों का दुख दूर करने के लिए में भी शिव महेश्वर की उपासना करूँगा| और मुझे पूरा विश्वास है की शिव शंकर जरुर प्रसन्न होंगे और आप लोगों का दुःख दूर करने के लिए कोई न कोई उपाय अवश्य ढूंढ लेंगे|\r<br>\r<br>विष्णु भगवन ऋषिगणों और देवताओं से ऐसा कहकर शिवा की भक्ति करने के लिए कैलाश पर्वत चले गए| वंहा पहुंचकर वो विधिपूर्वक भगवान शिव की तपस्या करने लगे| श्री विष्णु भगवान नित्य कई हज़ार नामों से शिवा की स्तुति करते तथा प्रत्त्येक नामोच्चारण के साथ एक- एक कमल पुष्प आपने अराध्या को अर्पित करते| इस प्रकार भगवान विष्णु की यह उपासना कई वर्षों तक निर्बाध चलती रही| \r<br>\r<br>एक दिन भगवान शिवा परमात्मा ने श्री विष्णु भक्ति की परीक्षा लेनी चाही| भगवान विष्णु हर बार की तरह एक सहस्त्र कमल पुष्प शिवजी को अर्पित करने के लिए लेकर आये| तब भगवान शिवा ने उसमे से एक कमल पुष्प कहीं छिपा दिया| शिव माया के द्वारा इस घटना का पता भगवान विष्णु को भी नहीं लगा| उन्होंने गिनती में एक पूछ पाकर उसकी खोज आरम्भ कर दी| श्री विष्णु ने पुरे ब्रह्माण्ड का भ्रमण कर लिया परन्तु उन्हें कहीं वह पुष्प नहीं मिला| तदन्